परमेश्वर इसे क्यों नहीं रोक रहा है?

आज हम उस दवचार से हटने का उपवास कर रहे हैं जो कहता है, “पर्रेश्वर इसरे क्यों नहीं रोक रहा है?” यह सोच इस बात की गलत… Read more “परमेश्वर इसे क्यों नहीं रोक रहा है?”

“मुझे क्ोि आ रहा है।”

क्ोि एक सामरषी भावना है जो सपटि रूप से हमें और िूसरों को िेस पहुँचा सकता है। यह बुरे दनण्तयों, षिदतग्सत समबनि, तनाव और रारीररक बीमारी की ओर ले जाता है।

“मेरे सार क्या गलत है?”

हमारा गलत सोच से हटने वाला उपवास काम कर रहा है! मेरे सार इस यात्ा पर बने रहें। ये बीज आप में उन सवटोत्तम िलों को उतपनन करेंगे, दजनहें आप सिा अपने जीवन के प्रतयेक षिेत् में चाहते रे और दजनकी आपको आवशयकता री।

“मैं तनावग्सत महसूस कर रहा हूँ।”

तनाव एक सामरय्तराली मानदसकता है, दजसे हम खतम करने जा रहे हैं। यह दवचारों या आरंकाओं का एक संग्ह है जो आपके मन में तब तक रहता है जब तक वे आपके भीतर नहीं चले जाते हैं और आपकी भावनाओं, आपके सवासरय और आपके समबनिों को दनयदनत्त नहीं कर लेते।